Neuralink Chip – Elon musk टेस्ला और स्पेस- एक्स के संस्थापक है जो एक ख़ास ब्रेन चिप पर काम कर रही है जिसका नाम Neuralink chip है। इसके द्वारा आप बिना headphone के भी गाना सुन सकते है। इस चिप को इंसान के दिमाग़ में इप्लांट किया जाएगा जिसकी सहायता से लोग संगीत को सुनने के साथ music stream भी कर सकेंगे। इसके साथ ही users depression जैसी बीमारी से छुटकारा पा सकते है।
वैसे तो इस चिप को तैयार करना मक़सद यह था की Brain Disorder से जो भी मरीज़ परेशान है उनका इलाज किया जा सके।

Neuralink chip क्या है
Neuralink chip एक ब्रेन चिप है जिससे ब्रेन में इप्लांट किया जाएगा। यह चिप बहुत ही पतली है। इस चिप का साईज 4x4mm है यह चिप इंसान के दिमाग़ में 8mm का छिद्र करके इप्लांट किया जाएगा। ये सारी process Robot के द्वारा होगी।
इस तकनीक क़े ज़रिए इंसान के दिमाग़ को computer से जोड़ा जाएगा। दिमाग़ की त्वचा को चिप और तार के द्वारा जोड़ा जाएगा। इन चिप को हटा नही सकते है बल्कि कान के पीछे एक Removel pods लगाया जाएगा जो बिना तारो के ही चिप से जुड़ जाएगा और दिमाग़ के अंदर की जानकारी सीधे smartphone या computer पर फ़ीड हो जाएगी।
Neuralink chip की कुछ ख़ास बातें।
- Chip क़े Electrodes इंसान के बालों से पतले है
- Robot की मदद से electrodes दिमाग़ में डालेंगे
- N1 Sensor chip में 96 धागे है
- 3000 से ज़्यादा Electrodes है
- Wireless Technology से charge होगी
- दिमाग़ के डेटा को पढ़ सकते है।
- इंसान के दिमाग़ के पीछे coil भी लगेगी।
- coil से Charging, Data Transfer होगा।
- हाथ में पहने computer पर डेटा आएगा।

Neuralink chip से क्या-क्या काम हो सकता है
- हार्मोन को control कर सकते है
जब इस चिप को दिमाग़ में लगा दिया जाएगा तो इस चिप के जरिए हम अपने हार्मोन का लेवल भी control कर सकते हैं। यह चिप ब्रेन डिसार्डर के लिए इस्तेमाल होगी।
- बीमारी का पता लगा सकते है
यह चिप इंसान के दिमाग़ के जरिए ब्रेन डिसार्डर के साथ साथ Artifical inteligence का भी काम करेगी। इसका मतलब यह हुआ कि यह चिप शरीर के बीमारी का पता भी आसानी से लगा लेगी।
- Smartphone पर मिलेगी जानकारी
Nerulink chip को दिमाग़ से चिप और थ्रेड के द्वारा जोड़ा जाएगा। यह चिप Removel pods से जुड़ी होगी जो कान क़े पीछे लगाया जाएगा। यह wireless connectivity के द्वारा एक device से दूसरी device को connect करेगी। जिसके ज़रिए दिमाग़ की सही जानकारी सीधे आपके smartphone पर मिलेगी।
- आइफोन से control किया जा सकता है
आइफोन Device के लिए N1 sensor app बनाया है जो कान के पास Device को इस ऐप क़े जरिए जोड़ना होगा। यह N1 चिप पतले तारों क़े जरिए Data Transfer करेगी। इसमें प्रत्येक तार की मोटाई बाल की मोटाई से भी कम होगी। इस Device क़े आने के बाद हमारा दिमाग़ हमेशा computer से connect रहेगा।
दिमाग़ से जुड़ी कुछ ख़ास बातें जो आप नही जानते।
- मस्तिष्क की कोशिकाओं को Neurons कहते है
- दिमाग़ में 8,600 करोड़ Neurons होते है
- मानव मस्तिष्क शरीर के अनुपात में बड़ा होता है
- दिमाग़ का वजन 1.5 kg होता है
- जन्म के 0-1 वर्ष तक दिमाग़ 3 गुना बढ़ता है
- मानव मस्तिष्क 18 साल तक बढ़ता है।
- सोते समय दिमाग़ क़ा 10% इस्तेमाल होता है।
- दिमाग़ को सीधा काटे तो दर्द महसूस नही होगा क्योंकि दर्द महसूस कराने वाले Receptors दिमाग़ में नही होते है।
- शरीर ही दर्द का सिग्नल दिमाग़ क़ो भेजता है
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